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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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  • नक़ल या अक्ल - 56

    56 धोखा   अब उसके बापू ने किशोर को घूरते हुए कहा, “तू बता रहा है सच या मैं बताओ?...

  • मैं तो ओढ चुनरिया - 63

    मैं तो ओढ चुनरिया     23   कमरे में आये हुए उसे काफी देर हो गयी थी । ज्यों ज्यों...

  • प्यार बेशुमार - भाग 7

    "काव्या....," ममता जी ने काव्या को चुप करवाते हुए कहा ।सोनिया ने कहा, "वैसे इसे...

रावी की लहरें - भाग 17 By Sureshbabu Mishra

बाबा सन्ता सिंह   सतलज नदी धीमी चाल से बह रही थी । उसके दोनों किनारों पर दूर-दूर तक रेत फैली हुई थी। वैसाख की तेज दोपहरी में रेत के कण चांदी के समान चमक रहे थे। चारों ओर तेज ध...

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नागिन और रहस्यमयि दुनिया - 3 By Neha Hudda

                                  क्या देविका भी नागिन है.. तपस्या की रात से एक दिन पहले देविका के पिता जी और देविका मंदिर गए थे। देविका के पिताजी को कुछ काम से बाहर जाना था परिवार...

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नक़ल या अक्ल - 56 By Swati

56 धोखा   अब उसके बापू ने किशोर को घूरते हुए कहा, “तू बता रहा है सच या मैं बताओ?” उसने कोई ज़वाब  नहीं दिया, फिर लक्ष्मण दास खुद ही बोल पड़े, “ठीक है, अगर तू नहीं बता रहा तो मैं बता...

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मैं तो ओढ चुनरिया - 63 By Sneh Goswami

मैं तो ओढ चुनरिया     23   कमरे में आये हुए उसे काफी देर हो गयी थी । ज्यों ज्यों वक्त बीत रहा था , उसकी घबराहट बढती जा रही थी । क्या आज उसे बेटे से बिना मिले ही लौटना पङेगा । पाँच...

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प्यार बेशुमार - भाग 7 By Aarushi Thakur

"काव्या....," ममता जी ने काव्या को चुप करवाते हुए कहा ।सोनिया ने कहा, "वैसे इसे देख कर लग नहीं रहा की ये तुम्हारी फ्रेंड है । आई मीन लुक at हर कैसे बहन जी टाइप कपड़े पहने है ।"अब आग...

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स्वयंवधू - 18 By Sayant

"कोई पागल ही मुझे जानना चाहेगा।", वृषाली ने कहा,(तो अब मैं पागल हूँ।)"अहम! यह उनका असफल प्रयास था इसलिए उन्होंने तुम्हें पकड़ने के लिए नई घटनाएँ रचीं और कायल के स्टॉकर का इस्तेमाल...

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बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 13 By Dev Srivastava

   रात का समय,  नेशनल हाईवे,   सिद्धांत ने अपने सिर पर हाथ रख कर कहा, " ओ भाई साहब, हो गया बंटाधार ! "   निशा ने कहा, " कुछ कहा तुमने ! "   सिद्धांत ने कहा, " नहीं, नहीं, मैम ! कृप...

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मैं तो ओढ चुनरिया - 62 By Sneh Goswami

  मैं तो ओढ चुनरिया    62   पूरी रात मैं आज के घटनाक्रम पर विचार करती रही । बिना किसी कसूर के मिली गालियां । फिर घड़ी मिल जाने पर खुशी । हमारे घर तो छोटी से छोटी चीज भी किसी के लिए...

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नागेंद्र By anita bashal

एक 16 साल की लड़की दुल्हन के लिबास में एक जंगल में बने हुए नाग मंदिर के सामने बैठी हुई थी। रंग गोरा और मासूम चेहरा लेकिन चेहरे में घबराहट। उसके सामने शादी में उपयोग होने वाली हर ची...

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Shadow Of The Packs - 20 By Vijay Sanga

पृथ्वीराज की बात सुनकर रूक्मणी उसकी बात समझने के बजाय और गुस्से मे आ गई। “आपने विक्रांत को ये तो बता दिया की इस लड़की को ठीक किया जा सकता है! पर तुमने विक्रांत को ये बताया की इस लड...

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पीहर By prabha pareek

पीहरसुबह बाबुजी का फोन आया ,मां के जाने के बाद बाबुजी के बस एक आध ही तो फोन आये थे ।. आज उन्होंने बिना किसी लाग लपेट के बड़ी गंभीर आवाज में कहा था ’’जाकर घर संभाल आना, जो सामान ठिका...

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एमी - भाग 5 (अंतिम भाग) By Pradeep Shrivastava

भाग -5 मगर इस डिसीज़न ने मेरे कॅरियर पर बहुत बुरा प्रभाव डाला। मदर से एक लंबे गैप या यह कहें कि ना के बराबर कम्युनिकेशन होने, इमोशनल रिश्ते के कमज़ोर से धागे से जुड़े होने के कारण मेर...

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दिवाकर : दी फादर - भाग 1 By Lalit Kishor Aka Shitiz

सुबह सुबह रसोई से पराठों की खुशबू आ रही है और दीवाकर जी मंदिर में गायत्री मंत्र का पाठ कर रहे हैं। मगर सुमित्रा जी के पराठों की महक उनके नाक में घर करने लगी...... तभी पायल चिल्लाते...

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फिर मिलेंगे By S Sinha

                                                                                 कहानी - फिर मिलेंगे        बरसात  के मौसम में एक दिन बोकारो स्टील सिटी स्टेशन पर नयी दिल्ली जाने वा...

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रावी की लहरें - भाग 17 By Sureshbabu Mishra

बाबा सन्ता सिंह   सतलज नदी धीमी चाल से बह रही थी । उसके दोनों किनारों पर दूर-दूर तक रेत फैली हुई थी। वैसाख की तेज दोपहरी में रेत के कण चांदी के समान चमक रहे थे। चारों ओर तेज ध...

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नागिन और रहस्यमयि दुनिया - 3 By Neha Hudda

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मैं तो ओढ चुनरिया - 63 By Sneh Goswami

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